मेरी दुआ को ख़ुदा मुस्तजाब कर देगा,
तेरा ग़ुरूर मुझे कामयाब कर देगा!
ज़मीं पे टूट के कैसे गिरा ग़ुरूर उस का,
अभी अभी तो उसे आसमाँ पे देखा था!
अगर ग़ुरूर है क़तरे को अपने तूफ़ान होने पर,
तो ये सूरज भी अपनी शिद्दत दिखाने वाला!
हमको मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं,
हमसे ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं !
(Compiled & Edited by:- Miss.Shikha S. Pipalewar)